करोना ! क रोना ! इस न्यूज़ ब्लॉग की पहली पोस्ट लिख रहे है हम ,क्योकि आज से ही इस न्यूज़ ब्लॉग की शुरआत हो रही है आज हम सब इस दौर से गुजर रहे ह...
करोना !
करोना ! इस न्यूज़ ब्लॉग की पहली पोस्ट लिख रहे है हम ,क्योकि आज से ही इस न्यूज़ ब्लॉग की शुरआत हो रही है आज हम सब इस दौर से गुजर रहे है कि यदि करोना के केस कम होने की खबर भी आती है तो हमे खुशी नही होती है क्योकि जैसे ही लॉक डाउन खत्म होगा फिर हम कर्ज़ से परेशान होंगे ,फिर से काम-धंदा ज़माना होगा ,फिर से वही मेहनत और समय लगेगा ।
आज हम पिछले लॉक डाउन से उबर नही पाए और फिर नए लॉक डाउन से गुजरना पड़ेगा ।
"करोना बीमारी से बचना है तो घर पर रहना होगा" ये बात 100% सत्य है सभी जानकर और सरकार इसका बार बार प्रचार कर रहे है
पर जिन लोगो के पास पैसा है वो तो सब्र के साथ घर पर रह सकते है और लॉक डाउन के चलने तक समय बिता सकते है पर उन गरीब लोगों का क्या होगा जो दिन भर काम करके रात को खाना खाते है ?
अब आपका रुख हम अपने प्रमुख बिन्दु पर लाना चाहते है ।सम्पन्न व्यक्ति अपनी जमा पूंजी को खर्च कर सकता है गरीब के लिए सरकार ने राशन की व्यवस्था कर दी है और कुछ लोग जो पूँजीपति है और कुछ गैर सरकारी संस्था वाले खाद्य सामग्री का वितरण कर रहे है
इन सब मैं मिडिल क्लास के लिए क्या व्यवस्था की सरकार ने जो कही नोकरी करते थे या कही छोटा व्यापार करते थे या चाट समोसे की दुकान लगाते थे ?
मिडिल क्लास एक ऐसा वर्ग बन गया है जो होते हुए भी किसी को दिखाई नही देता ।यहाँ तक ये वर्ग अपने लिए खुद कुछ नही कर सकता ,
"कोई क्या सोचेगा" यही शब्द इस वर्ग की सबसे बड़ी समस्या बन गया है ,घर से निकल नही सकते ,काम पर जा नही सकते ,नोकरी अब रही नही ,उधार कोई देगा नही ऐसे समय मैं यदि देगा भी तो हम चुकाएंगे कैसे ,घर का खर्च ,स्कूल फीस, किराया ,बैंक की किश्त, मोबाइल ph का रिचार्ज ,दूध ,बिजली पानी ,टेक्स सब लगेगा अभी भी ओर लॉक डाउन के बाद भी इसमें सरकार किसी भी विषय पर कोई रियायत दे सकती है क्या ?या सिर्फ मिडिल क्लास को ही झेलना लिखा है ।
सरकार को कोसना भी गलत होगा क्योंकि बीमारी ही ऐसी है कि सरकार भी कुछ नही कर सकती है पर सरकारी तंत्र मे रहने वाला व्यक्ति एक मिडल क्लास व्यक्ति की जगह रहकर योजना बनाये तो शायद कुछ हल निकल सके क्योकि खर्च तो लग ही रहे है अभी भी ओर लॉक डाउन के बाद भी ।
कृपया इस पोस्ट को यदि कोई सरकारी व्यक्ति जैसे पुलिस ,dr, पढ़ रहे हो तो लॉक डाउन मे सड़क पर मिलने वाले लोगो से अच्छे से बात करे क्योकि आपको सरकारी ड्यूटी का पैसा मिल रहा है पर शायद वो व्यक्ति जो लॉक डाउन मैं पैसा लेने या पैसे की व्यवस्था करने घर से निकला हो । घर पर रहो सुरक्षित रहो कहना आसान है पर करना उन मिडिल क्लास लोगो के लिए बहुत कठिन है जिनके घर पर लोग भूखे है ,स्कूल फीस जमा नही हुई , सेलरी नही मिली ,यहाँ तक मोबाइल रिचार्ज करने के पैसे भी नही बचे पास मे।
कोरोना से जूझ रहे व्यक्ति ओर उनके परिवार वालो को भी बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । पर बीमारी से जीतने का प्रथम प्रयास हमे खुद करना पड़ेगा तब जाकर हम आगे बढ़ पाएंगे
मेरा 1 दोस्त है उसके बारे मे आपको कुछ बताता हूँ
कोरोना के कारण मिडिल क्लास को जो नुकसान हो रहे है उसके लिए सरकारी मदद मिलने की आशा नही है क्योंकि मेरा दोस्त अपने पिता के बनाये मकान मे रहता है जो पक्का rcc वाला है इसलिए वो गरीबी रेखा के नीचे नही आता और इसी कारण उसका राशन कार्ड नही बन सकता जबकि वो जिस जगह जॉब
करता था उसकी सैलेरी 6500 प्रति माह थी ,

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